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Saturday, May 7, 2011

एक मासूम कली .....

एक मासूम कली .....

माँ, मुझे खिलना है ... मुझे ना तोड़ो ...
क्या मै इतनी बुरी हु... की आप मुझे देखने से पहले ही मिटाना चाहती हो...
कल भगवान जी बोल रहे थे, अगर कोई दिक्कत आये , परेशानी हो, तकलीफ हो..
अपनी माँ को बताना, अब तुम्हारी माँ ही सब कुछ है ...
और माँ अब में कहा जाऊ , उस दिन आप कह रही थी ...
मेरी कोख तुझे हमेशा मेह्फुस रखेगी , अब में कहा जाऊ माँ ...


मै  अपना रास्ता खुद बनाउंगी, मुझे चलना ही नहीं दौड़ना है माँ...
मुझसे ना छीनो मेरा जीवन... मुझे जीना है माँ ...
आप अब प्यार से अपनी कोख छूती  तक नही, खैर आपकी माँ बोहोत अच्छी होगी ...
काश मेरी भी होती...

पर एक बात कायम है, मै जरुर जन्म लुंगी...
एक लड़की होना मेरा गुन्हा नही, मुझे आना है इस दुनिया में ...
आप जरुर मेरे भगवान होंगे, पर आप मेरे जीवन को यु खिलने से पहले नही मुर्झासकते...

बस ... मेरी जान और कुछ ना बोल... क्या तुम मेरे आसू महसूस नहीं कर सकती...
माँ हु मै तेरी, और मै दुनिया की सबसे अच्छी माँ बनना चाहती हु...
मै जरुर तुझे ये दुनिया में लाऊंगी, अपनी जान पर खेल कर...
तू ना डर मेरी बच्ची ... मै हु ना ..


तुने मुझे मेरे ताकत का एहसास दिलाया है ...
मै क्यू कमजोर होकर , तुझसे तेरी खुशिया छिनु ...
 मुझे कोई हक़ नहीं की मै , मेरी कलि को खिलने से पहले तोडू..
 तू तो मेरा इतना सुंदर फुल होगा , की सारा बगीचा फीका पड़ेगा  तेरे सामने...

जिन्दगी के इतने दुःख झेले है , की मै नहीं चाहती थी ...
तू भी वही झेले... इसीलिए मिटाना चाहती थी तुझे..
जब तुम मुझसे भी धैर्यशील हो जीवन को लेकर ...
तो में कौन  होती हु , तुमसे तुम्हारा साँस छिनने वाली..
अब नहीं झेलना , अब नहीं सेहना,  अब है हसना, मुस्कुरुना और गाना ... 
मेरे घर आयी एक नन्ही परी... एक नन्ही परी हो  ओ ... एक नन्ही परी...

3 comments:

  1. nice your blog,,,,
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  2. thanx... anand ji.... oh... aap ko rona ayaa ...kisi ki likhawat agar kisi ke dil ko chhu jaye toh usime sarthak hota hai.... aap ko ye achha laga yahi kaafi hai ... aur behtar koshish karne ke liye...

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  3. hey... UHOOI... thanx for ur compliment...

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