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Sunday, April 24, 2011

दिया .... मेरी प्रेरणा

दिया .... मेरी प्रेरणा 

आस तो सभी के दिल में होती है...
उस टिमटिमाते दिए की तरह जो आखरी साँस तक ,...
तूफ़ान से लढ़कर, अंधकार  को मिटाते हुए ...
रौशनी फैलाते हुए ... अपना अस्तित्व बनाये रखना छाहता है ...
मेरे भी दिल में एक छोटा सा दिया है ...
जिसकी एक छोटी सी आस है - जिंदगी जीने की !!!
उसी की तरह, हर मुश्किल घडी में, कठिनाईयों में, ...
अपना अस्तित्व बनाये रखने की ... 
अंधकार ( दुःख ) को मिटाते हुए ...
रौशनी ( खुशिया ) फैलाते हुए...
बस अपनी आखरी साँस तक...!!!

ये कविता मैंने अपनी स्कूल की छुटियो में लिखी थी  ... और ये मेरी सबसे पहली वाली कविता है... पर इसी कविता में मेरे जीवन का ध्येय और सारंश है....